प्रस्तावना:
भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक बन चुका है। हर महीने के पहले दिन सरकार पिछले महीने के GST संग्रहण के आँकड़े जारी करती है। यह आंकड़े न केवल आर्थिक गतिविधियों का मूल्यांकन करते हैं, बल्कि शेयर बाजार पर भी इसका बड़ा प्रभाव होता है।
2 जून 2025 को केंद्र सरकार ने मई 2025 के लिए जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी किए। इस रिपोर्ट ने निवेशकों और विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया है। तो आइए जानते हैं कि इस बार के कलेक्शन में क्या खास रहा और इसका बाजार पर क्या असर हो सकता है।
मई 2025 का GST कलेक्शन – आंकड़ों की झलक:
महीने का नाम | GST कलेक्शन (₹ में) | % बदलाव (YoY) | % बदलाव (MoM) |
---|---|---|---|
मई 2025 | ₹1.74 लाख करोड़ | +9.8% | -1.1% |
अप्रैल 2025 | ₹1.76 लाख करोड़ | — | — |
मई 2024 | ₹1.58 लाख करोड़ | — | — |
👉 मुख्य तथ्य:
- यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक GST कलेक्शन है।
- पिछले साल मई के मुकाबले करीब 10% की वृद्धि।
- अप्रैल की तुलना में थोड़ा कम, लेकिन लगातार तीसरे महीने ₹1.70 लाख करोड़ से ऊपर।
टैक्स ब्रेकडाउन:
- CGST (केंद्र): ₹32,200 करोड़
- SGST (राज्य): ₹40,600 करोड़
- IGST (इंटरस्टेट): ₹85,000 करोड़
- Cess: ₹16,200 करोड़
बढ़े हुए कलेक्शन के कारण:
- त्योहार सीजन की शुरुआत (अक्षय तृतीया, ईद)
- ऑटो और कंज्यूमर डिमांड में वृद्धि
- ऑनलाइन रिटेल, FMCG, और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में सुधार
- GST कम्प्लायंस में सख़्ती और बेहतर तकनीकी निगरानी
बाजार पर असर:
GST कलेक्शन के अच्छे आंकड़े सीधे तौर पर दर्शाते हैं कि अर्थव्यवस्था में उपभोग बढ़ रहा है। इसीलिए शेयर बाजार इन संकेतों पर प्रतिक्रिया देता है।
किन सेक्टर्स को मिलेगा फायदा:
- FMCG – HUL, Nestle, Dabur जैसी कंपनियां
- ऑटोमोबाइल – Maruti, Tata Motors, Hero MotoCorp
- बैंकिंग और फाइनेंस – HDFC Bank, ICICI Bank
- होटल और ट्रैवल सेक्टर – Indian Hotels, IRCTC
किन पर असर कम रहेगा:
- डिफेंस, फार्मा, IT जैसे सेक्टर्स पर कम प्रभाव
निवेशकों के लिए संकेत:
- मजबूत GST कलेक्शन दर्शाता है कि सरकार के पास राजस्व पर्याप्त है, जिससे बजट घाटा कम हो सकता है।
- डिमांड आधारित सेक्टर्स में लॉन्ग टर्म निवेश के अच्छे मौके।
- फिनांशियल्स और इंफ्रा सेक्टर में सकारात्मक संकेत।
विशेषज्ञों की राय:
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज:
“GST डेटा से पता चलता है कि इकोनॉमी मजबूत हो रही है। बाजार को इससे शॉर्ट टर्म में सपोर्ट मिलेगा।”
ICICI Direct:
“FMCG और रिटेल सेक्टर में Q1 FY26 में अच्छा ग्रोथ देखने को मिल सकता है।”
सावधानी भी ज़रूरी:
- अप्रैल से तुलना करें तो हल्की गिरावट भी है, जो संकेत देता है कि आगे की नीति और उपभोग पर नजर रखना ज़रूरी है।
- मानसून की स्थिति, फ्यूल प्राइसेज और अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव भी जुड़े होंगे।
निष्कर्ष:
मई 2025 का जीएसटी कलेक्शन आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत देता है। ₹1.74 लाख करोड़ का संग्रह दर्शाता है कि व्यापार, उद्योग और सेवा क्षेत्र में मजबूती बनी हुई है। शेयर बाजार में इस आंकड़े का असर दिखना तय है — खासकर कंज्यूमर डिमांड से जुड़े सेक्टर्स में।
निवेशकों के लिए यह समय है सतर्कता के साथ मौके तलाशने का।
Disclaimer :
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