30 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 182 अंक गिरकर 81,451.01 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 सूचकांक 83 अंक की गिरावट के साथ 24,750.70 पर समाप्त हुआ। यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों, आईटी, ऑटो और मेटल सेक्टर में बिकवाली, और घरेलू जीडीपी आंकड़ों के प्रति निवेशकों की सतर्कता के कारण हुई।
📊 सेक्टोरल प्रदर्शन
आईटी सेक्टर
आईटी सेक्टर में प्रमुख कंपनियों जैसे एचसीएल टेक्नोलॉजीज और टेक महिंद्रा के शेयरों में लगभग 2% की गिरावट देखी गई, जो वैश्विक तकनीकी शेयरों में कमजोरी और अमेरिकी बाजारों में मंदी के संकेतों के कारण हुई।
ऑटो सेक्टर
बजाज ऑटो के शेयरों में 3% की गिरावट दर्ज की गई, जो इस सेक्टर में सबसे अधिक थी। अन्य ऑटो कंपनियों के शेयरों में भी दबाव देखा गया, जो उपभोक्ता मांग में कमी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण हुआ।
मेटल सेक्टर
हिंदाल्को के शेयरों में 2.5% की गिरावट देखी गई, जो वैश्विक धातु कीमतों में गिरावट और चीन में मांग में कमी के संकेतों के कारण हुई।
पीएसयू बैंकिंग सेक्टर
पीएसयू बैंकों के शेयरों में कुछ सकारात्मक गतिविधि देखी गई, जिससे बाजार को आंशिक सहारा मिला। एसबीआई और अन्य प्रमुख पीएसयू बैंकों के शेयरों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
🌐 वैश्विक कारक और निवेशकों की धारणा
अमेरिका द्वारा चीन और अन्य देशों पर नए टैरिफ लगाए जाने के कारण वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ा है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना और घरेलू जीडीपी आंकड़ों की प्रतीक्षा ने भी बाजार में अस्थिरता बढ़ाई है।
📈 तकनीकी विश्लेषण और समर्थन स्तर
विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी 50 के लिए 24,700 और 24,650 महत्वपूर्ण समर्थन स्तर हैं। यदि बाजार इन स्तरों के ऊपर बना रहता है, तो 25,000-25,100 तक की तेजी संभव है। हालांकि, 24,650 के नीचे गिरावट से बाजार की धारणा नकारात्मक हो सकती है।
📅 साप्ताहिक प्रदर्शन
सप्ताह के अंत में, निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स दोनों में गिरावट दर्ज की गई, जो लगातार तीसरे सप्ताह की गिरावट है। निफ्टी 50 में 1% और सेंसेक्स में 0.88% की गिरावट देखी गई। यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक संकेतों, आईटी और बैंकिंग सेक्टर में बिकवाली, और अमेरिकी व्यापार नीति में अनिश्चितता के कारण हुई।
🏦 विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेश
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने ₹884 करोड़ की खरीदारी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹4,286.5 करोड़ की खरीदारी की। यह दर्शाता है कि घरेलू निवेशकों का बाजार में विश्वास बना हुआ है, जबकि विदेशी निवेशक सतर्क हैं।
📌 निष्कर्ष
30 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेत, प्रमुख सेक्टरों में बिकवाली, और घरेलू आर्थिक आंकड़ों के प्रति निवेशकों की सतर्कता रही। हालांकि, पीएसयू बैंकिंग सेक्टर में कुछ सकारात्मक गतिविधि देखी गई, जिससे बाजार को आंशिक सहारा मिला। आगामी सप्ताह में वैश्विक घटनाक्रम और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए तैयार किया गया है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को निवेश की सलाह न समझा जाए। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। BazaarMargdarshan.com इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी के आधार पर किए गए निवेश के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।